अनकही चाहत- 2

हॉट वाइफ की चदाई का नजारा मने देखा जब मेरी पड़ोसन अपने पित से चद रही थी और
म अपनी चत म उंगली कर रही थी. मेरे पित आये तो म उनसे चद कर कछ शांत हई.
कहानी के पहले भाग
जवान पड़ोसन की चदाई देखी
म आपने पढ़ा िक मेरे पड़ोस म रहने वाला यगल अपनी शादी की अधवािषकी के अवसर
पर जम कर चदाई कर रहा था. मने िखड़की से छप कर उनकी चदाई देख रही थी.
अलका की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, उसका िजम मचल रहा था.
तभी सिचन ने दसरी उंगली भी उसकी चत म डाल दी.
अलका- अआआ … हहहह … अ..अ … ओय … दद हो रहा है … धीरे …
कर … ना … अआआ … हहहह … अब बस कर … अआआ … हहहह …
सिचन … अआआ आआ..हह
तभी अलका एक तेज चीख के साथ थोड़ी ऊपर उठी और धड़ाम से िबतर पर
िगर कर लबी लबी सांस लेने लगी.
यह कहानी सन .
Hot Wife Ki Chudai


अब आगे हॉट वाइफ की चदाई:
अलका का हाल देख कर सिचन क गया और चत से उंगली िनकाल कर एक हाथ से
अपना जॉकी उतार िदया.
उसका मोटा लड उछल के बाहर आ गया.
‘ओहहह माई गॉड’ िकतना लबा था और िकतना मोटा सपारे की चमड़ी के बीच से
गलाबी सपारा साफ चमक रहा था.
उसके दमदार लड को देखते ही मेरी चत से पानी टपकने लगा.
मेरा िदल िकया िक अभी अंदर जा कर अलका के सामने ही चद जाऊं .
तभी सिचन ने अलका को उठाया और बेड के साइड म बैठा िदया और खद नीचे खड़ा होकर
उसके होट पर लड िफराने लगा.
अलका के चेहरे से लग रहा था िक वह चसने के मड म नहीं है.
पर सिचन आज िबकल मड म था.
िफर भी अलका उसके लड को अपने हाथ से पकड़ कर उस दबा रही थी, उसे चम रही थी.
सिचन का िवकराल लड ठमक रहा था.
इधर मेरी चत म खलबली मची थी, चत का रस बह कर मेरी जांघ को गीला कर चका था.
तभी सिचन ने उसके बाल पकड़ के जोर से खींचा तो दद से अलका का मँह खल गया और


सिचन ने उसके मँह म मोटा लड ठस िदया.
अलका की आंख बाहर को आ गई- अँगगग … गऊ गऊ गऊऊ … गं गं गं ऊऊ
उसकी आँख से पानी के कतरे बहने लगे.
िफर सिचन ने अपने लड से अपनी पनी का मखचोदन करने लगा.
‘गऊग ऊगऊऊ गऊग ऊग ऊऊ उम ग गं गं ऊऊ ऊ ऊ ऊ’ ऐसी आवाज आ रही थी.
सिचन के चतड़ िरदम म आगे पीछे हो रहे थे.
थोड़ी ही देर म उसके चतड़ की िथरकन बढ़ गई.
साफ समझ म आ रहा था िक वह झड़ने की कगार पे था.
अलका भी समझ गई … वह लड को अपने मख से िनकालने की कोिशश करने लगी.
पर सिचन की पकड़ मजबत थी, एक जोर से हंकार लेते हए सिचत ने अपना लंड और जोर
से उसके मँह म ठँस िदया और भरभरा कर झड़ने लगा.
अलका की आँख लाल हो गई थी, आँख से पानी बह रहा था, परा चेहरा लाल था, होट
की दरार से वीय की सफ़ेद धार बहने लगी.
सिचन का लड िसकड़ के बाहर आ गया, िसकड़ा हआ लड भी काफी बड़ा लग रहा था.
और तभी मेरी चत का भी काम तमाम हो गया.
अलका सिचन की पकड़ से छटते ही मँह दबा कर बाथम की तरफ भागी.
यह देख कर सिचन लड को सहलाते हए मकराने लगा, िफर अपना पैग बनाने लगा.
अलका उसके पास आकर उससे उसकी बेहरमी के िलए गसा कर रही थी.
पर सिचन ने उसको बाँह म भर कर िगलास मँह म लगा िदया.
अलका एक बड़ा िसप लेकर वैसे ही िबतर पर लेट गई.
सच म उसकी िचकनी चत इतनी गोरी थी … मझे भी शम आ गई यिक मेरी चत थो
इतनी गोरी ना थी.


सिचन उसकी जांघ पर बैठ गया.
उसका िवकराल लड पडलम की भांित झल रहा था. झड़ा हआ लड भी काफी बड़ा लग
रहा था.
सिचन ने उसके बदन पे िहकी िगरा दी और झक के चाटने लगा.
मोटी जीभ के पश और ठंडी िहकी ने अलका के बदन म गमी ला दी, वासना भर दी,
उसे कामातर कर िदया.
अलका वासना म डब कर सिचन का मोटा लड पकड़ कर उसे फटने लगी.
कछ ही पल म लड़ अपने िवशाल प म आ गया.
अलका बोलने लगी- अब डाल भी दो, तम बहत तड़पाते हो
सिचन भी कामातर था तो उसने भी उसकी टांग को अछे से फैला िदया और बीच म
पोजीशन लेकर उसकी चत पर लड रगड़ने लगा.
उसने अलका के पैर को अपने कंधे पे रखा और एक हाथ से लड दसरे से झक के कधा
पकड़ा िफर थोड़ा सा दबाव बनाया तो लड ने चत को फैलाते हए वेश कर िलया.
अलका का मँह खल सा गया.
तभी सिचन ने अपने चतड़ पीछे िकये और एक जोरदार झटके ने परा लड अलका की चत
म डाल िदया.
अलका की एक घटी घटी सी चीख िनकल गई- अहहह ऊईई ओह सीईई अआईई उईई
माँ मर गई आईई ईई उफ़ आह हहह माँ आईई मार िदया तमने मझे … इतना मज़ा उफ
… धीरे से करो सिचन
और चीख िनकले भी य ना … सिचन का लड था ही इतना मोटा
अलका अभी भी कमिसन सी लड़की ही लगती थी और शादी को भी छह महीने ही हए थे.
उसकी चत सिचन के मोटे लड के िहसाब से और रोज़ चदने के बावजद अभी भी छोटी ही
थी.
सिचन के भारी चतड़ िरदम म आगे पीछे होने लगे.
इधर मेरी उंगली लोअर के अंदर चत म अंदर बाहर हो रही थी, उधर अलका की चत म
लड अंदर बाहर हो रहा था.
अलका बस िससकारी भर रही थी- आआ आहह आईईइ म मम अहहा उम … उह
… अहह … हय … याह … आऽऽह … उमम … ऊऊहह … अआआआ … अहहन
ना … आआ … आहहह हईई … ऊओहन नाहहहहही ईईइ
‘फ़च … फ़च … फ़च … फ़च …’ की मधर और मंद आवाज़ के साथ सिचन लंड को चत के
भीतर-बाहर हो रहा था.
‘इईई … शशह … अअ … उह … अहह … हय … याह … आआआ … हहह …
हाहाहा आआआ …’ काम म डबी अलका अलका की आवाज़ से साफ पता चल रहा था
िक वह िकस आनंद के सागर म गोते लगा रही थी.
वह कई बार िशिथल सी हो जाती थी पर सिचन के शॉट कते नहीं थे.
तभी सिचन ने लड िनकाल कर उसको घोड़ी बनने का इशारा िकया.
तो अलका तरंत पलट गई.
सिचन ने झक के उसके चतड़ को चाटा और चतड़ पर एक जोर से चांटा मारा.
अलका चीख पड़ी- आअहह उफ उईई ईई
सिचन का लड रोशनी म चत के रस म भीगा हआ चमक रहा था.
उसने अलका का कधा पकड़ा और एक बार िफर लड को अलका की चत म उतार िदया.
अलका िफर कराही- उईई माँ … मार डाला



वह सही कहती थी, काफी देर सिचन उसको चोद रहा था पर अभी तक उसका वीय नहीं
िनकला था.
मेरे अंदर ताकत नहीं थी िक मने और खड़ी रह सकं .
सिचन के चतड़ िहल रहे थे तो बीच बीच म वो झक के चिचयां भी मसलने लगता.
तभी सिचन ने एक जोर से हंकार भरते हए उसकी चत म अंदर तक लड घसा िदया और
अलका के िजम पर िगर गया.
अलका उसके नीचे दबी हई थी.
म भी वही फश म बैठ गई और लबी लबी सांस लेने लगी.
िफर म िकसी तरह उठ के अपने घर आ गई.
घड़ी म करीब 12 बजे थे.
म उन दोन की लबी चदाई का एक राउंड देखकर आई थी तो मेरी चत को लड की
जरत थी.
पर अिखल अभी आया नहीं था, मझे उसपर गसा भी आ रहा था िक वह मेरी जगह अपने
बॉस के साथ गांड मरा रहा था.
तभी अिखल का कॉल आ गया, बोला िक वह थोड़ी देर म घर आ जायेगा.
म तरंत उठी और फटाफट शावर म जाकर अपनी चत और गांड को को अछे से साफ
िकया.
मने एक टांसपेरट िमनी िमडी पहनी और हका सा तैयार होकर अपनी चदाई का इंतज़ार
करने लगी.
तभी अिखल भी आ गया.


उसके चेहरे से लग रहा था िक साला बहत थका है.
पर उसने जब देखा िक म िबना बा पटी के िमडी म हँ तो एक अछे पित की तरह वह
समझ गया िक म चदाई के िलए मचल रही हँ.
तो वह फटाफट शावर ले िबतर पर आ गया.
म उसके आते ही उसका लड चसने लगी.
लड भी तरंत तैयार हो गया.
मेरी चत तो सिचन का लड सोच सोच के ही गीली थी.
तो हम दोन ने एक राऊड धमाकेदार चदाई की.
मने अिखल के लड को अपनी गांड उछाल उछाल के अपनी चत म िलया.
इस बीच म दो बार झड़ भी गई जब अिखल का रस िनकला.
हॉट वाइफ की चदाई हो चकी थी पर मेरा िदल नहीं भरा था तो अिखल का लड िफर से
चसने लगी और कछ ही देर म म उसके ऊपर आ के अपनी गांड उछाल उछाल कर लड
चत म लेने लगी.
अिखल भी जोश म आ गया, वह दोन हथेली से चतड़ को पकड़ कर मझे उछालने लगा.
कछ समय म मेरा जोश ठंडा हो गया और म उसके सीने पर िगर सी गई.
पर उकसाया तो मने था अिखल को … तो उसने वैसी ही मझे िबतर पे िगरा के साइड से
चोदना श कर िदया.
‘अआआ … इईई ईई … अआउऊचच … ओययय … अआआ … हहहह … अ..आउच
… अआआहह अआआ … हहहह’
और एक बार िफर सिचन ने मेरी चत म अपना सारा वीय उड़ेल िदया.
हम दोन इतने थक चके थे िक उसी तरह सो गए.
सबह होने के साथ एक नए िदन की शआत हई.
अिखल काम पर चला गया यिक उसके बॉस आये हए थे.
मझे अलका से बात करने की जदी थी तो मने अपना सारा काम फटाफट िनपटाया.
म नहा कर िनकली ही थी िक अलका आ गई.
मने हम दोन के िलए कॉफ़ी बनाई और उससे दसरी सहागरात के बारे म पछने लगी.
अलका ने थोड़ी शरमाते हए बताया िक परी रात सिचन ने उसको चोदा. करीब 4 बजे वे
दोन सोये थे. उसकी चत म दद हो रहा है. दो बार िसकाई कर चकी है िफर भी दद है.
िनपल म जलन हो रही है.
मेरे िदलोिदमाग म सिचन का लड छाया हआ था … बस उसका लड अपनी चत म लेने
का िदल कर रहा था.
मझे पता था िक अिखल को अलका की चत िमलेगी तो वह मझे सिचन से चदने के िलए
मना नहीं करेगा.
पर कैसे
एक बात मने पकी कर ली िक पित को बता कर ही सिचन से चदाई करवाऊंगी और
अलका को भी िकसी न िकसी तरह, िकसी भी बहाने से अिखल से चदने के िलए राज़ी कर
लंगी.


इसिलए म अलका से सेस के बारे म यादा बात करने लगी थी, पराये मद से चदाई की
कहानी, िविडयो उसके साथ शेयर करने लगी.
साथ ही साथ म उसको यह भी बोलती िक अिखल उसको बहत पसंद करते ह.
मने उसे बताया- अिखल बोलते ह िक अलका बहत खबसरत है, उसका मांसल बदन बहत
अछा है. चिचयां भी भरी भरी ह.
ये सब सन कर अलका श म तो शमा जाती थी, कहती- धत दीदी, आप भी ना
पर धीरे धीरे वह भी उन सब बात को पसंद करने लगी, उसको इन सब बात म रस आने
लगा.
वह अिखल से भी खलने लगी, मज़ाक भी करने लगी थी.
अगर कभी म अिखल की बात नहीं करती तो वह खद ही उसकी बात करने लगती.
तो म उसको बोलती िक रात को उसने दो बार चदाई की. देर तक मेरी चत चाटी.
ये सब सन कर अलका कसमसाने लगती, उसका चेहरा लाल हो जाता.
मेरी भी समझ म आ जाता िक अलका की पटी गीली हो रही है.
िफर एक िदन अलका ने बोला- दीदी, अगर म अिखल को सचमच पटा लं तो आप या
करगी
म- करना या है … त अिखल को पटायेगी तो म सिचन को पटा लंगी. उसका लड भी तो
सत और मोटा है. जब तेरे पित मझे चोदगे और मेरा पित तझे चोदेगा तो हम दोन की
दोती और पकी हो जाएगी.
तो हंस कर अलका मेरे से िलपट गई.
इधर दसरी तरफ म अिखल को बताती िक अलका उसको पसंद करती है बहत
म उसको बोलती- तम सभोग म मेरी चत जम के चसते हो तो वह काफी उेिजत हो
जाती है.
ये सब सन के अिखल भी खश हो जाते, बोलते- अलका काफी खबसरत है. िकसी रोज़
लाओ उसको बैडम म … तो उसको भी अपनी मदानगी वाद चखा दँ.
तो मने अिखल से झठ बोल िदया- अलका तो कब से बेचैन है तहारे से अपनी चत
चसवाने को … पर मने ही हामी नहीं भरी. आिखर तमसे पछना भी तो जरी था
अिखल- कमाल करती हो जान … ऐसे काम म पछा नहीं जाता है. अलका जैसी मांसल
और गठीली औरत को चोदने को तो म आधी रात को भी तैयार हँ.
“तो ठीक है, िफर म अलका को आज ही गीन िसनल देती हँ. पर अगर तम अलका को
चोदोगे तो म भी सिचन से चदवाऊंगी. िफर तम मझे मत टोकना”
अिखल- कैसी बात करती हो जान, यह भी कोई टोकने की बात है. हम लोग पढ़े िलखे नए
ज़माने के लोग ह. मझे तो अछा लगा िक तमने अपनी िदली इछा खल कर बताई. तम
भी सिचन के साथ खल कर चदाई का मज़ा लो. चार िदन की तो जवानी है, इसका खल के
मज़ा लेना चािहए.
अब म िबकल िनिचत थी िक जद ही सिचन का लड मेरी चत म होगा.
और यह भी पता था िक अलका भी अिखल से अपनी चत चटवाने के िलए मचल रही है.
पर म अलका को अिखल से चदवाने पहले खद सिचन से चदना चाहती थी.
तो म इंतज़ार कर रही थी िक कब अलका अपने मायके जाये और म सिचन से चदाई करवा
लं.




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